"जाऊँगा खाली हाथ मगर ये दर्द साथ ही जायेगा, जाने किस दिन हिन्दोस्तान आज़ाद वतन कहलायेगा?
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं "फिर आऊँगा,फिर आऊँगा,फिर आकर के ऐ भारत माँ तुझको आज़ाद कराऊँगा"
जी करता है मैं भी कह दूँ पर मजहब से बंध जाता हूँ,मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कर पाता हूँ;
हाँ खुदा अगर मिल गया कहीं अपनी झोली फैला दूँगा, और जन्नत के बदले उससे यक पुनर्जन्म ही माँगूंगा."
अशफाक की डायरी से :-
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं "फिर आऊँगा,फिर आऊँगा,फिर आकर के ऐ भारत माँ तुझको आज़ाद कराऊँगा"
जी करता है मैं भी कह दूँ पर मजहब से बंध जाता हूँ,मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कर पाता हूँ;
हाँ खुदा अगर मिल गया कहीं अपनी झोली फैला दूँगा, और जन्नत के बदले उससे यक पुनर्जन्म ही माँगूंगा."
अशफाक की डायरी से :-
"किये थे काम हमने भी जो कुछ भी हमसे बन पाये,ये बातें तब की हैं आज़ाद थे और था शबाब अपना;
मगर अब तो जो कुछ भी हैं उम्मीदें बस वो तुमसे हैं,जबाँ तुम हो लबे-बाम आ चुका है आफताब अपना."
मगर अब तो जो कुछ भी हैं उम्मीदें बस वो तुमसे हैं,जबाँ तुम हो लबे-बाम आ चुका है आफताब अपना."
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